कॉर्पोरेट ट्रेनर सर्टिफिकेशन कोर्स
कॉर्पोरेट ट्रेनर सर्टिफिकेशन कोर्स
1937 की बात है । अमरिका में उस वक्त वजन कम करने के लिए एक प्रोडक्ट बेचा जाता था, जिसे ‘फैट रिडक्शन शॉक मशीन’ कहा जाता था । यह मशीन शरीर में बढ़े हुए फैटस को कम करने के लिए हल्का शॉक देती थी, जिससे लोग उनका बढ़ा हुआ वजन कम कर सकते थे । यह उस जमाने का एक अजीबोगरीब और पूरी तरह से असफल प्रोडक्ट था ।
क्या आप सोच सकते हैं कि यह प्रोडक्ट कौनसी कंपनी बेचती थी?
एच.पी. इंक.
‘हाँ’, ठीक पहचाना आपने । कंप्यूटर की दुनिया की सबसे बेहदरीन कंपनी एच.पी.इंक. । एच.पी.इंक. ने इस तरह बिजनेस की दुनिया में कदम रखा था । उस शुरुआती दौर में उन्होंने कई सारी कठिनाइयों का सामना किया, कई सारे असफल प्रयास किए, किंतु धीरे-धीरे आगे का रास्ता स्पष्ट होता गया ।
बिल हेवलेट और डेव पॅकार्ड ने ग्रेजुएशन खत्म करने के बाद, कंपनी की स्थापना करने का मन बना लिया । कंपनी की स्थापना करने से पहले उनके दिमाग में एक ही लक्ष्य था, साथ में काम करते हुए कंपनी को सफलता की ऊँचाईयों तक पहुँचाना । उस वक्त उनके पास सिर्फ $500 थे और इस बेहद कम पूंजी के साथ उन्होंने बिजनेस में सफल होने के लिए प्रयास करना शुरू किया ।
उनका लक्ष्य स्पष्ट था, उन्हें बिजनेस में सफल मुकाम हासिल करना था, जिसके लिए उन्होंने टीम बनाना शुरू किया । ढेर सारी कठिनाइयों के सामने भी वे हर वक्त अडिग बनकर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ खड़े रहे । उन दोनों के पास बेहदरीन लीडरशिप क्वालिटीज थी, जिसके चलते वे कंपनी को शक्तिशाली नेतृत्व प्रदान कर सके । इसके अलावा, कदम कदम पर उनके भीतर छिपी हुई रचनात्मकता ने उनकी राह आसान की । इस तरह कई सारे गुणों के चलते आखिरकार एच.पी. दुनिया की सबसे सफलतम कंपनी बन सकी ।
संक्षेप में, अगर आपको बिजनेस या कॉरपोरेट की दुनिया में सफलता हासिल करनी है, तो एक विशिष्ट मानसिकता की जरूरत होती है और इस विशिष्ट मानसिकता का निर्माण करने के लिए, कॉरपोरेट की दुनिया में मैनेजरस् और वर्करस् को अलग-अलग गुणों तथा कौशलों की ट्रेनिंग दी जाती है । उदाहरण के तौर पर लीडरशिप, टीम बिल्डिंग, पॉजिटिव एटीट्यूड, टाइम मैनेजमेंट, इमोशनल इंटेलिजेंस, क्रिएटिविटी, इत्यादि ।
जब आप आई.बी.एच.एन.एल.पी. का एन.एल.पी. ट्रेनर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम अटेंड करेंगे, तब आपको कॉरपोरेट ट्रेनिंग के इन सारे विषयों को प्रतिभागियों के सामने प्रस्तुत करने का भी ट्रेनिंग दिया जाएगा, जिससे आप कोर्स खत्म होने के बाद कॉर्पोरेट में मैनेजरस् तथा एम्पलॉइस् के लिए भी ट्रेनिंग सेशन ले सकते हैं । आपकी ट्रेनर बनने की यात्रा सुगम हो, इसलिए आपको ‘सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनर’ या ‘कॉरपोरेट ट्रेनर’ का सर्टिफिकेशन भी दिया जाएगा । यह सर्टिफिकेशन एन.एल.पी. ट्रेनर सर्टिफिकेशन से अलग होगा, क्योंकि मेरा यह अनुभव रहा है, कि जब आप एन.एल.पी. ट्रेनर सर्टिफिकेशन पूरा कर लेते हैं और उसके बाद जब आप ट्रेनिंग लेना शुरू करते हैं, तब कॉरपोरेट यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ से आपको ढेर सारी ट्रेनिंग की ऑर्डर्स् मिल सकती है । अगर आपको सिर्फ और सिर्फ एन.एल.पी. में ही महारत हासिल है, तो कॉरपोरेट में ट्रेनिंग प्रोग्राम लेना थोड़ा कठिन होगा, क्योंकि कंपनियाँ उनके मैनेजरस् तथा इंप्लाइज् का कार्य प्रदर्शन बढ़ाने में उत्सुक होती है और उसके लिए कंपनियाँ चाहती है कि ट्रेनर के तौर पर आप लीडरशिप, टीम बिल्डिंग, पॉजिटिव एटीट्यूड, टाइम मैनेजमेंट, इमोशनल इंटेलिजेंस, क्रिएटिविटी, इत्यादि विषयों में प्रतिभागियों को ट्रेन करें । इसी कारण जब आप एन.एल.पी. ट्रेनर सर्टिफिकेशन कोर्स करते हैं, तो कॉरपोरेट ट्रेनर बनने के लिए भी जरूरी ट्रेनिंग और सहायता प्रदान की जाती है ।
एन.एल.पी. मास्टर ट्रेनर सर्टिफिकेशन कोर्स के बाद आप कॉर्पोरेट में एन.एल.पी. पर ट्रेनिंग तो दे ही सकते हैं, साथ ही साथ कॉरपोरेट ट्रेनर सर्टिफिकेशन की मदद से आप कंपनियों तथा संस्थाओं में लीडरशिप, टीम बिल्डिंग, पॉजिटिव एटीट्यूड, टाइम मैनेजमेंट, इत्यादि विषयों में भी प्रतिभागियों को ट्रेन कर सकते हैं । इससे आपके लिए ट्रेनिंग फील्ड में सफल होना और लोगों की सहायता कर उनके जीवन को नई दिशा देना, बेहद आसान होगा । अलग-अलग विषयों में बेहतर ट्रेनिंग देने की आपकी क्षमता, एन.एल.पी. के साथ-साथ कॉरपोरेटस् के विषयों में आपकी समझ, आपके सफल और रचनात्मक ट्रेनर बनने के सपने को जरूर पूरा करेंगे ।
इसके अलावा इस कोर्स में आपको एक और ताकतवर कौशल सिखाया जाएगा ।
कॉरपोरेट ट्रेनिंग के अलग-अलग विषयों में (लीडरशिप, टीम बिल्डिंग, पॉजिटिव एटीट्यूड, टाइम मैनेजमेंट, इत्यादि ।) एन.एल.पी. के टूल्स् और टेक्निक्स् का रचनात्मक और परिणाम उन्मुख प्रयोग करना । इसके चलते अगर आप कॉरपोरेट में लीडरशिप के संदर्भ में ट्रेनिंग सेमिनार ले रहे हैं और इस विषय को सिखाते वक्त जब आप एन.एल.पी. के टूल्स् का इस्तेमाल करेंगे, तब यह विषय पूरी तरह से अलग और रचनात्मक होगा । आपका सेमिनार या वर्कशॉप उस प्रतिभागी के लिए भी बेहद अलग और नया बन जाएगा, जिसने पहले लीडरशिप के ऊपर कई सारे सेमिनार में हिस्सा लिया है, क्योंकि आपने लीडरशिप के साथ एन.एल.पी., हिप्नोसिस, लाइफ कोचिंग, सी.बी.टी. और इमोशनल इंटेलिजेंस के टूल्स् का इस्तेमाल किया है । यह एक कौशल आपको बाकी ट्रेनर की भीड़ से पूरी तरह अलग खड़ा कर देगा और ट्रेनर के तौर पर आपके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा ।
उदाहरण के तौर पर...
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कम्युनिकेशन स्किल्स् सिखाते वक्त आप एन.एल.पी. की रेपो बिल्डिंग टेक्निक का इस्तेमाल कर सकते हैं ।
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पॉजिटिव एटीट्यूड के ऊपर ट्रेनिंग देते वक्त हिप्नोसिस के एलमन इंडक्शन का इस्तेमाल हो सकता है ।
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लीडरशिप कौशल विकास कार्यक्रम में आप एन.एल.पी. का न्यूरोलॉजिकल अलाइनमेंट यह टूल प्रयुक्त सकते हैं ।
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टाइम मैनेजमेंट संबंध में जब आप लोगों को पढ़ायेंगे, तब एन.एल.पी. की टाइमलाइन उपयोग में ला सकते हैं ।
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गोल सेटिंग पढ़ाते वक्त आप लाइफ कोचिंग के ग्रो मॉडल का प्रयोग कर सकते हैं ।
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पॉजिटिव एटीट्यूड के सेशन में आप सी.बी.टी. के थिंकिंग एरर की मदद ले सकते हैं ।
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कॉन्फिडन्स बिल्डिंग के सेशन में इमोशनल इंटेलिजेंस की सेल्फ अवेयरनेस टेक्निक मदद रूप हो सकती है ।
इस तरह से जब आप कॉरपोरेट के विषयों के साथ एन.एल.पी., हिप्नोसिस, लाइफ कोचिंग, सी.बी.टी. और इमोशनल इंटेलिजेंस के टूल्स् इस्तेमाल करना सीख लेंगे, तब चमत्कार हो जाएगा । आपका ट्रेनिंग बेहद आकर्षक तथा परिणाम उन्मुख होगा, जिससे आप प्रतिभागियों के जीवन में सही मायने में परिवर्तन लाने में कामयाब हो सकेंगे ।
पर क्या यह सब कुछ करना आसान होगा?
बिल्कुल नहीं । इसके लिए आपको मेहनत करनी पड़ेगी, समर्पण और लगन के साथ आगे बढ़ना होगा । आपको लगातार पढ़ना होगा, स्वयं के जीवन में प्रयोग करने होंगे, घंटों तक किसी विशिष्ट विषय के संबंध में सोचना होगा । याद रखना, यह सब करना कठिन जरूर है, किंतु असंभव बिल्कुल नहीं है, तथा इस कठिन को आसान करने के लिए और आपके ट्रेनर बनने के इस सपने को पूरा करने के लिए आई.बी.एच.एन.एल.पी. का कॉरपोरेट ट्रेनर सर्टिफिकेशन कोर्स आपकी पूरी मदद करेगा ।
ट्रेनिंग में आने से पूर्व आपको कॉर्पोरेट में जिन विषयों में सबसे ज्यादा ट्रेनिंग होते हैं, ऐसे 20 से ज्यादा ट्रेनिंग टॉपिक की सूची मिलेगी । इन 20 टॉपिक्स के ऊपर आपको 60 से ज्यादा किताबें सॉफ्ट कॉपी फॉर्म में मिलेगी । इन 20 टॉपिक्स में से आपकी इच्छानुसार कम से कम तीन टॉपिक्स पर आपको ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाकर कोर्स में आना होता है । कोर्स में आपने जो ट्रेनिंग मोड्युल्स बनाए हैं, उनको और बेहतर किया जाएगा, जिससे कोर्स खत्म होने के तुरन्त बाद ट्रेनर बनने का आपका सपना आप पूरा कर सकेंगे । और भी बहुत सारी चीजे हम करेंगे, जो आपको एक सफल, श्रेष्ठ और प्रभावी ट्रेनर के रूप में उभरने के लिए मददरूप होगी ।
(एन.एल.पी. मास्टर तथा एन.एल.पी. मास्टर ट्रेनर प्रोग्राम आई.बी.एच.एन.एल.पी. में एक व्यापक पाठ्यक्रम है, जिस में कम से कम 6 महीने का एक विशेष प्री-ट्रेनिंग कोर्स (वर्चुअल + असाइनमेंट फॉर्मेट में) तथा 9 दिनों तक 15-20 प्रतिभागियों के समूह में कक्षा प्रशिक्षण + 3 महीने के प्रोजेक्ट समाहित है । एन.एल.पी. मास्टर तथा एन.एल.पी. मास्टर ट्रेनर सर्टिफिकेशन कोर्स के प्रतिभागियों को सी.बी.टी., इमोशनल इंटेलिजेंस तथा कॉर्पोरेट ट्रेनर का नि: शुल्क प्रशिक्षण एवं प्रमाणपत्र भी मिलेगा । इस कोर्स के सफल समापन के बाद, प्रतिभागियों को निम्नलिखित प्रमाणपत्रों से सम्मानित किया जाएगा:
उपरोक्त सर्टिफिकेशन कोर्सेस के लिए आवेदन करने से पूर्व मुंबई, पुणे, दिल्ली, अहमदाबाद या बैंगलोर में आई.बी.एच.एन.एल.पी. द्वारा आयोजित एन.एल.पी. प्रॅक्टिशनर सर्टिफिकेशन कोर्स को पूरा करना अनिवार्य है । भारत के उपर्युक्त सभी शहरों में एन.एल.पी. प्रॅक्टिशनर प्रशिक्षण के नियमित बैचेस आयोजित किए जाते हैं । आई.बी.एच.एन.एल.पी. में एन.एल.पी. प्रॅक्टिशनर प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद ही, कोई एन.एल.पी. मास्टर तथा एन.एल.पी. ट्रेनर सर्टिफिकेशन कोर्सेस के लिए आवेदन कर सकता है । यदि आप एन.एल.पी. मास्टर तथा एन.एल.पी. मास्टर ट्रेनर के रूप में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, तो आई.बी.एच.एन.एल.पी. अपनी सभी विशेष सुविधाओं के साथ अपनी यात्रा शुरू करने का सबसे अच्छा विकल्प होगा। जिन्होंने किसी अन्य एन.एल.पी.ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से अपना एन.एल.पी. प्रॅक्टिशनर सर्टिफिकेशन कोर्स किया है, उन्हें आई.बी.एच.एन.एल.पी. में एन.एल.पी. प्रॅक्टिशनर ट्रेनिंग से अपनी यात्रा शुरू करनी होगी ।)
(अगर आप एन.एल.पी. प्रॅक्टिशनर कोर्स में एनरोल करते हैं, तो आइ.बी.एच.एन.एल.पी. की ओर से एन.एल.पी. प्रॅक्टिशनर सर्टिफिकेशन के साथ-साथ आपको हिप्नोसिस प्रॅक्टिशनर + एन.एल.पी. कोच + लाइफ कोच का ट्रेनिंग तथा सर्टिफिकेशन नि:शुल्क मिलेगा ।)