एन.एल.पी. सीखने से पूर्व डायरेक्ट हिप्नोसिस सीखना बेहद जरूरी क्यों है ? पार्ट 2

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एन.एल.पी. सीखने से पूर्व डायरेक्ट हिप्नोसिस सीखना बेहद जरूरी क्यों है ? पार्ट 2

 

जिंदगी खुद ब खुद आपके लिए दर्द लेकर आएगी । पर जीवन में आनंद निर्माण करना, यह आपकी ज़िम्मेदारी है ।
- मिल्टन इरिक्सन

 

एक लड़का, जिसे पोलिओ हुआ था, पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो चुका था, साथ ही साथ पूरे तन में हमेशा जलन महसूस होती थी, संपूर्ण कलेवर पीड़ा से संत्रस्त रहता था, उस में सिर्फ देखने और सुनने की क्षमता बची थी । दिन रात वह बिस्तर पर पड़ा रहता था, पूरा शरीर निश्चल था, सिवाय आँखों के । उसका परिवार और वह खलिहान के पास बने सालों पुराने मकान में रहते थें । परिवार में उसके अलावा सात बहनें थीं, एक भाई था और माता-पिता, कभी कभार नर्स भी आया करती थी । बिस्तर पर पड़े-पड़े कुछ काम नहीं होता था, तो स्वयं का मनोरंजन कैसे करे? यह सवाल उसे सताता था । फिर उसने लोगों का एवं आसपास के परिवेश का निरीक्षण करना शुरू किया और उसे जल्द ही समझ में आने लगा कि बहुत बार उसकी बहने मुंह से ‘ना’ कहती है, पर उन्हें असल में ‘हाँ’ कहना होता है और जब वे ‘हाँ’ कहती है, उस समय उन्हें ‘ना’ कहना होता है । बहुत बार एक बहन दूसरी को सेब देना चाहती है, पर वह सेब छोड़ना भी नहीं चाहती । धीरे-धीरे वह लड़का अशाब्दिक भाषा, याने नॉनव्हर्बल लैंग्वेज तथा शारीरिक हावभाव याने ‘बॉडी लैंग्वेज’ पढ़ने में माहिर होने लगा । आगे जाकर यह लड़का दुनिया का सबसे महानतम हिप्नोटिस्ट बना, जिसने हिप्नोसिस को सांइटिफिक प्रोसेसेस् में ढालने की भरसक कोशिश की । इस लड़के का नाम था मिल्टन इरिक्सन ।

इरिक्सनियन हिप्नोसिस को समझने से पूर्व हमें ‘ट्रान्स’ क्या होता है, यह समझना होगा ।

ट्रान्स - ट्रान्स जिसे शायद हिंदी में आप ‘संमोहन की अवस्था’ कह सकते हैं । पर मैं उसे ट्रान्स कहना ही पसंद करूँगा । यह ट्रान्स है क्या? ट्रान्स हमारे चेतना की एक ऐसी अवस्था है, जिसमें हमारा पूरा ध्यान हमारे अंदरूनी जगत पर होता है । जैसे ही हमारा पूरा ध्यान हमारे अंदरूनी जगत पर, याने हमारे विचार, हमारी भावनाओं पर स्थिर होता है, वैसे ही हमारा ध्यान बाह्य जगत से हट जाता है । जब हम ट्रान्स में होते हैं, तब हम अपने अंदरूनी जगत के बारे में पूरी तरह से सचेत होते हैं । ट्रान्स एक ऐसी अवस्था होती है, जहाँ हम अपनी अंदरूनी क्षमताओं का सही ढंग से इस्तेमाल कर सकते हैं ।

 

ट्रान्स के बाद अब बात करते हैं मिल्टन इरिक्सन के हिप्नोसिस मॉडेल की ।

 
मिल्टन मॉडेल - एन.एल.पी. ने मिल्टन इरिक्सन द्वारा विकसित हिप्नोसिस के अध्ययन के बाद मिल्टन मॉडेल तैयार किया । मिल्टन मॉडेल भाषा के पॅटर्न्स का एक ऐसा संग्रह है, जो हमें ट्रान्स की अवस्था खड़ी करने में मदद करता है, जिससे हम अपनी सुप्त क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए स्वयं की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं तथा अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं । मिल्टन इरिक्सन का मानना था कि किसी भी इन्सान में वे क्षमताएँ हर समय मौजूद होती हैं, जिनकी मदद से वह अपनी विद्यमान समस्याओं से निजाद पा सकता है । बहुत बार सिर्फ उस व्यक्ति को यह पता नहीं होता, कि किस प्रकार अपने अंदरूनी जगत की उन क्षमताओं तक पहुँचा जाए, ताकि उनका सही इस्तेमाल किया जा सके । मिल्टन मॉडेल हमें एलमन इंडक्शन जैसी कोई बनी बनाई स्क्रिप्टस् नहीं देता, जिन्हें पढ़कर हम ट्रान्स की अवस्था निर्मित कर सके । मिल्टन मॉडेल में ऐसे लैंग्वेज पॅटर्न्स् होते हैं, जिनको आत्मसात करने के बाद हम विशिष्ट प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करते हुए अपनी एवं दूसरों की समस्याओं का बातों-बातों में सामाधान कर सकते हैं ।

 

उदाहरण के तौर पर....

1. और जब भी कभी .......... सीखना शुरू करते हो ।

2. और मुझे आपको यह बताना ही होगा ..... ना सिर्फ .......पर

3. और मैं चाहता हूँ ..... जिससे ..... सकते हैं ।

4. और आपको इसकी बिल्कुल जरूरत नहीं है... 

5. और आपको यह कैसे पता चलेगा, कि...

इस प्रकार के अनेकविध हिप्नोटिक लैंग्वेज पॅटर्न्स् की मदद से हम भाषा का एक ऐसा जाल बुनते हैं, जो ट्रान्स की अवस्था निर्मित करता है । जैसे ही यह ट्रान्स की अवस्था खड़ी होती है, हमारा चेतन मन अपने आप उस भाषा जाल में अटकता चला जाता है और अवचेतन मन जागृत होने लगता है । एक बिंदु पर जैसे ही चेतन मन अटक जाता है, उस समय दिए गए सजेशनस् अवचेतन मन में स्थिर होने लगते हैं, और बदलाहट की पहल होने लगती है । हमारा अवचेतन मन बहुत संवेदनशील एवं ग्रहणशील होता है, एक बार उसने किसी बात को पकड़ लिया, तो धीरे-धीरे बाहरी तौर पर हमें उसके परिणाम दिखने शुरू हो जाते हैं ।

इरिक्सनियन हिप्नोसिस को ही इनडायरेक्ट हिप्नोसिस या कन्वर्सेशनल हिप्नोसिस भी कहा जाता है । यहाँ पर आप संबंधित व्यक्ति को पता चले बग़ैर इन पॅटर्न्स् का इस्तेमाल करते हुए ट्रान्स की अवस्था निर्मित कर सकते हैं, और पूर्व निर्धारित या प्रत्याशित सूचनाएँ अवचेतन मन में सन्निविष्ट कर बदलाहट ला सकते हैं । मिल्टन मॉडेल एन.एल.पी. की सबसे महत्वपूर्ण आधारशीला है । पर बहुत बार एन.एल.पी. ट्रेनिंग कोर्सेस में यह मिल्टन मॉडेल ऊपर-ऊपर पढ़ाया जाता है, कहीं-कहीं तो इसे सीखना भी टाल दिया जाता है, क्योंकि यह मिल्टन मॉडेल सीखाने के लिए एन.एल.पी. ट्रेनर का स्वयं भाषा में माहिर होना भी बेहद जरूरी होता है । बहुत सारी एन.एल.पी. ट्रेनिंग इंस्टिट्यूटस् में हमने और एक समस्या देखी । वहाँ मिल्टन मॉडेल सीखाया तो जाता है, पर केवल अंग्रेजी में । आप को तो पता ही है कि भारत एक बहुभाषी देश है । हम अपने घर में मातृभाषा का इस्तेमाल करते हैं, तो ऑफिस या अन्य जगहों पर हिंदी या अंग्रेजी का । बहुत बार भाषा का उपयोग सामने वाले पर निर्भर करता है कि वह कौन सी भाषा ठीक से समझ पा रहा है । अगर घर, ऑफिस या अन्य जगहों पर आप ज्यादातर हिंदी या प्रादेशिक भाषा का इस्तेमाल करते हैं, तो ‘मिल्टन मॉडेल’, जो कि एन.एल.पी. की नींव है, उसे ही आप रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल नहीं कर सकते । इसी लिए आई.बी.एच.एन.एल.पी. द्वारा आयोजित एन.एल.पी. प्रैक्टिशनर ट्रेनिंग कोर्सेस में यह मिल्टन मॉडेल अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों भाषाओं में सीखाया जाता है । हिंदी में मिल्टन मॉडेल सीखकर प्रादेशिक भाषाओं में इसका अनुवाद करना बहुत ही सरल है, वैसे मुख्य प्रादेशिक भाषाओं के स्क्रिप्ट्स हम ही आपको प्रदान कर देते हैं । एन.एल.पी. प्रैक्टिशनर कोर्स में जब आप प्रत्याक्षिकों द्वारा इसे समझते हैं, तो अचरज में पड़ जाते हैं कि कितना आसान होता है बातों-बातों में किसी के ब्रेन को फ्रेम करना । इसमें महारत हासिल कर आप स्वयं के तथा दूसरों के जीवन को बड़ी ही सहजता से परिवर्तित कर सकते हैं, उसे योग्य दिशा दे सकते हैं ।

शुरुआती दौर में ‘ट्रान्स की अवस्था’ को समझने के लिए ‘इरिक्सनियन हिप्नोसिस’ से अच्छा ‘एलमन इंडक्शन’ है, जहाँ पर हम सीधे तौर पर ‘ट्रान्स की अवस्था’ का अनुभव कर सकते हैं, इसी लिए हमारे एन.एल.पी. कोर्सेस में हम ‘एलमन इंडक्शन’ याने ‘डायरेक्ट हिप्नोसिस’ भी सीखाते हैं और वह भी नि:शुल्क ! हमें कहने में गर्व होता है कि आई.बी.एच.एन.एल.पी. भारत की एकमेव एन.एल.पी. ट्रेनिंग प्रदान करने वाली संस्था है, जो एन.एल.पी. कोर्स के प्रतिभागियों को डायरेक्ट हिप्नोसिस की भी ट्रेनिंग मुहैया कराती है, वह भी नि:शुल्क!

तो क्या आपको हिप्नोटिस्ट तथा भाषा का जादूगर बनना है?

फिर मिलेंगे, तब तक के लिए ‘एन्जॉय युअर लाईफ एंड लिव्ह विथ पॅशन ।’

डायरेक्ट हिप्नोसिस पर आधारित रिलैक्सेशन ऑडियो सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

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Summary in English:
NLP & Hypnosis are closely interrelated. We can also say that NLP, particularly Conversational Hypnosis is an advance version of Direct Hypnosis. Direct Hypnosis has a long history. Hypnosis is the science of bringing change in the human mind, with the help of language & other techniques.
It’s based on a few presuppositions:
- Enhance the Imagination
- Develop the Mental Expectancy
- Then Miracle Happens
A major contribution to the development of Hypnosis is given by Dr Mesmer & Dr James Brad. In the 1950s, Hypnosis took a new turn with Dev Elman. He prepared a seminar ‘medical relaxation’ & propagandized it throughout Europe. Dev Elman simplified the processes of Hypnosis. Later on, Hypnosis was used in various medical usages. Hypnosis helps greatly in anxiety, traumatic experiences, deep healing etc. Indian Board of Hypnosis & Neuro-Linguistic Programming (IBHNLP) is the leading NLP, Hypnosis & Life Coach Training & Certification Institute, which conducts regular courses & workshops for HYPNOSIS & NLP. In NLP Practitioner Workshop, we offer Free Training & Certification in Direct Hypnosis to the participants. IBHNLP is the only NLP Training Institute across India, providing such a facility free of the cost.
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