क्या आपको एक बेहतरीन लीडर बनना है? एन.एल.पी. मदद करेगा ।
एन.एल.पी. हमें एक बेहतरीन एवं प्रभावशाली लीडर बनने में बुनियादी तौर पर मदद करता है । अब तक लीडरशिप के नाम पर हमें सिर्फ ‘लीडर करते क्या हैं?’ यही सिखाया जाता रहा है । हमें सिर्फ अच्छे लीडर की विशेषताएँ या लक्षण बताए जाते हैं और ये विशेषताएँ बड़ी ही साधारण होती हैं, जैसे कि आत्मविश्वास, लगन, प्रयास, समय प्रबंधन, लोगों से प्यार, इ. । सिर्फ ये विशेषताएँ पढ़कर जिसे सही में स्वयं को लीडर के तौर पर विकसित होना है, उसे ज्यादा फायदा नहीं होता । एन.एल.पी. हमें यहाँ से आगे की राह दिखाता है । एन.एल.पी. हमें वे स्किल्स् एवं टूल्स् सिखाता है, जिनकी मदद से एक अच्छे लीडर के तौर पर हम एक ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण कर सकते हैं, जिससे लोग हम से जुड़कर आनंद तथा गर्व महसूस सके । एन.एल.पी. हमें एक आकर्षक भविष्य निर्माण में मदद करता है । इतना ही नहीं, एन.एल.पी. हमें आकर्षक भविष्य के निर्माण के साथ-साथ, उस आकर्षक भविष्य को अपने मन के अचेतन तल तक किस प्रकार ले जाना है, किस प्रकार उसे प्रोग्रॅम कर करना है, जिससे यह आकर्षक भविष्य हमारे जीवन का सघन हिस्सा बने, इसके लिए ठोस प्रक्रिया प्रदान करता है । एन.एल.पी. हमें एक लीडर की मन:स्थिति या माइंडसेट को किस प्रकार से हर वक्त जिया जाए, यह सिखाता है । एन.एल.पी. में हम मेटा प्रोग्रॅम सीखते हैं, जिसमें हम लोगों को उनके स्वभाव अनुसार अलग-अलग श्रेणियों में रखने तथा हर श्रेणी के इंसान से संवाद प्रस्थापित करने की कला को विकसित करने के नुस्खे भी आजमाकर देखते हैं, जो किसी भी लीडर के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है ।
एन.एल.पी. हमें स्वयं की एक व्यक्तिगत लीडरशिप स्टाइल विकसित करने में मदद करता है ।
एन.एल.पी. हमें लीडरशिप विकसित करने के लिए
१. स्वयं की मन:स्थिति पर नियंत्रण पाना,
२. प्रणाली (System) के बारे में खंडो में सोचना और संपूर्ण प्रणाली को ध्यान में रखते हुए सोचना,
३. संवादकला पर प्रभूत्व, जिससे हम स्वयं के तथा औरों के अंतर्मन से जुड़ सकते हैं,
४. दूसरों से गहरे तल पर जुड़ना, इ.
जैसे कई सारे आसान पर प्रभावी तरीके सिखाता है ।
एन.एल.पी. की व्याख्या लीडरशिप के संबंध में....
न्युरो - एक अच्छा लीडर अपने दिमाग को काबू करना जानता है । वह स्वयं के मस्तिष्क को चलाता है ।
लिंगविस्टिक - वह अपनी भाषा का इस्तेमाल लोगों को प्रभावित करने के लिए सटीक ढंग से करता है । साथ ही वह अपना संदेश पूरी ताक़त से लोगों तक पहुँचाने में माहीर होता है ।
प्रोग्रामिंग - वह एक्शन लेना जानता है । वह अपने कार्य से परिणाम लाता है ।
एन.एल.पी. यह सब काँक्रीट टूल्स् एवं टेक्निक्स् के जरिए सिखाता है, जिससे इसकी कंडीशनिंग हो सके, यह सब हमारे दिलों दिमाग पर छप सके, उस दिशा में हम एक्शन ले सके, हमारी भावनाएँ बदले और परिणामस्वरूप हमारा वर्तन भी ।
मैं हर वक्त ‘लीडरशिप डेव्हलपमेंट थ्रू एन.एल.पी. वर्कशॉप’ में आए प्रतिभागियों से कहता हूँ .....
ऊपर बताई गई सिर्फ चार बातें आपको आत्मसात करनी है और बस! आप स्वयं को एक लीडर के तौर पर सही माइने में प्रस्थापित कर सकते हैं । लीडरशिप स्किल्स् या नेतृत्व कौशल सीखना सही में बड़ा ही आसान है । मुझे आश्चर्य नहीं होगा, अगर आपको अभी तक यह एहसास हुआ होगा कि नेतृत्व कौशल सीखना कितना आसान, कितना सरल है, और साथ ही साथ कितना आनंददायक एवं सहज है । नेतृत्व कौशल सीखना आपको स्वयं पर थोपने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है, तब तक जब तक कि आपको यह अंदरूनी एहसास ना हो । एक बार नेतृत्व कौशल सीखने का एहसास जग जाए, अंतस्तल पर उसी वक्त सीखना शुरू हो जाता है । कोई भी इंन्सान, आपको तो पता ही होगा कि नेतृत्व गुणों को लेकर ही पैदा होता है । हम में वे गुण होते हैं, सिर्फ हम उन्हें भूल जाते हैं, या उनको विकसित नहीं करते । मैं आप से कहना चाहूँगा कि सही में इतनी आतुरता से नेतृत्व कौशल को सीखने की जरूरत नहीं है, इससे अच्छा आप अपने बोध को जगाए, जिससे नेतृत्व कौशल सीखना बड़ा ही सुलभ हो जाएगा । चलो, एक सवाल पूछता हूँ, क्या आपने कभी भी किसी छोटे या बड़े समूह में स्वयं को खुला छोड़ दिया है, जिससे आपके नेतृत्व गुणों को बाहर आने का मौका मिल सके? आपको तो पता ही होगा कि जैसे ही हम स्वयं को खुला छोड़ देते हैं, तब ‘लोग क्या कहेंगे?’ इस विषय में हम चिंता करना छोड़ देते हैं और यहाँ से नेतृत्व कौशल सीखने की सही माइने में शुरुआत होती है, क्योंकि हर बार जब भी आप खुल जाते हो, तब आपका मन पूरी ताक़त और सहजता से सीखना शुरू कर देता है । जब भी कभी आपका मन रिलॅक्स होता है, आप अंतर्मन के तल पर सीखना शुरू करते हो । मुझे आपको यह बताना ही होगा कि नेतृत्व कौशल सीखना ना सिर्फ आसान है, पर यह आपका जीवन रूपांतरित करने की क्षमता संजोए हुए है और मुझे आपको यह भी बताना होगा कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए इसे सीखने के सिवाय हमारे पास दुसरा कोई विकल्प भी नहीं है । मैं चाहता हूँ कि आप नेतृत्व गुणों को जल्द से जल्द सीखे, जिससे आप नेतृत्व कौशल में महारत हासिल कर सके और आपको इसकी बिल्कुल जरूरत नहीं है कि इसके लिए आप ढेर सारी किताबें पढ़े । सिर्फ थोड़ा सा अपने अंदर झाँके और आपको समझ में आएगा कि आप आज भी लीडर ही हो, क्योंकि आप कम से कम स्वयं के जीवन को दिशा दिखा ही रहे हो, चाहे वह सही हो या गलत ।
अब सवाल यह उठता है कि आपको यह कैसे पता चलेगा कि आपने नेतृत्व कौशल सीख लिये हैं? आसान है जब भी आप किसी समूह में जाएँगे छोटे या बड़े, आपको यह अंदरूनी एहसास होगा कि आप सहजता से उस समूह को प्रभावित करते हुए उसका नेतृत्व कर रहे हो । आपने सीखे हुए नेतृत्व कौशल खुदबखुद बाहर आने लगेंगे और आपको एक आत्मविश्वास का एहसास होगा ।
और बहुत सी बातें हैं, अगले ब्लॉग में मिलते हैं तब तक के लिए ‘एन्जॉय यूवर लाईफ एंड लिव्ह विथ पॅशन!’