जानियें 6 दिनों के एन.एल.पी. सर्टिफिकेशन कोर्स का महत्त्व !

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जानियें 6 दिनों के एन.एल.पी. सर्टिफिकेशन कोर्स का महत्त्व !

इंडियन बोर्ड ऑफ़ हिप्नोसिस एंड न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग (आइ.बी.एच.एन.एल.पी.) के संस्थापक अध्यक्ष एवं एन.एल.पी. मास्टर ट्रेनर के होने नाते मुझसे अक्सर कुछ सवाल पूछे जाते हैं, जैसे कि...

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1. क्या एन.एल.पी. सीखने के लिए एन.एल.पी. सर्टिफिकेशन कोर्स करना जरूरी है?

2. क्या किताबें पढ़कर एन.एल.पी. सीखना संभव है?

3. क्या मैं किसी कॉरस्पॉण्डन्स् कोर्स या ऑनलाइन कोर्स से एन.एल.पी. सीख सकता हूँ?

4. क्या मैं एक या दोन दिन का शॉर्ट एन.एल.पी. कोर्स करते हुए एन.एल.पी. में महारत हासिल कर सकता हूँ?

वास्तविक कहा जाए तो यह दुनिया अनेक असीम सम्भावनाओं से भरी हैं । यहाँ पर कुछ भी हो सकता है । इस जहाँ में कुछ भी ना मुमकिन नहीं । अगर किसी ने ठान ही लिया कि वह सिर्फ किताबें पढ़कर ही एन.एल.पी. सीखेगा, तो शायद वह किताबें पढ़कर एन.एल.पी. सीख भी जाएगा । सीधे तौर पर, “क्या यह संभव है? क्या यह हो सकता है? क्या मैं यह कर सकता हूँ?” इसप्रकार के सवालों के उत्तर ‘ना’ में, या ‘हाँ’ में देना, मेरे लिए तो संभव नहीं है, क्योंकि यह दुनिया इतनी बेबुझ है, कि यहाँ पर कुछ भी हो सकता है, जैसे कि लगभग सौ साल पहले याने सन 1916 में आइन्स्टाइन ने भविष्यवाणी की थी, कि गुरूत्वाकर्षणीय तरंगें होती हैं, जो हमारी आँखें देखने में समर्थ नहीं हैं, याने अगर आपके टेबल से आपका पेन फर्श पर गिरता है, तो वह केवल गुरूत्वाकर्षण की तरंगें उसे नीचे खींच रही है इस लिए । पर मानवी आँखों को वे तरंगें दिखाई नहीं देती । इसप्रकार की बात आइन्स्टाइन ने सालों पहले की थी, जिसे उस समय के वैज्ञानिकों ने खारीज किया था । अब सन 2017 में डॉक्टर वीस, डॉक्टर थॉर्न और डॉक्टर बेरिष को फिजिक्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन के चलते नोबल पारितोषिक से नवाजा गया । आइन्स्टाइन की सौ साल पुरानी इस बात को इन तीनों भौतिक शास्त्रीयों ने 20 साल के निरंतन शोध के बाद सिद्ध किया । याने इस असीम संभावनाओं भरी दुनिया में बहुत से प्रश्नों पर ठोस ‘हाँ’ या ‘ना’ में जबाब देना कठिन होता है, इसी लिए अगर आपने ठान ही लिया है कि बिना कोई एन.एल.पी. ट्रेनिंग कोर्स किये एन.एल.पी. सीखना ही है, तो शायद आप सीख भी सकते हैं, और इस केस में आप को यह ब्लॉग आगे पढ़ने की भी जरूरत नहीं है, पर अगर आपको लगता है कि एन.एल.पी. सीखने का आपका सफर ज्यादा तेज, सटीक, सुखदायक तथा सकारात्मक परिणामों से भरा हो, तो कुछ बातों पर हमें गौर करना होगा ।

सबसे पहले दूसरे सवाल से शुरूआत करता हूँ , ‘क्या किताबें पढ़कर एन.एल.पी. सीखना संभव है?

- अब तक एन.एल.पी. पर लगभग दो हजार से ज्यादा किताबें लिखी गई हैं । अगर हम सिर्फ सबसे महत्वपूर्ण सौ किताबें भी निकाले, तो आपको इन्हें पढ़ने में, समझने में और उन पर अमल करने में शायद एक या दो साल लगेंगे और ज्यादातर लोगों के लिए यह काम असंभव श्रेणी का होगा ।

अब तीसरा सवाल, ‘क्या मैं किसी कॉरस्पॉण्डन्स् कोर्स से या ऑनलाइन कोर्स द्वारा एन.एल.पी. सीख सकता हूँ?’

- एन.एल.पी. कोई थ्योरी नहीं है, स्किल सेट है, जिसे प्रात्यक्षिकों के जरिए समझना ज्यादा आसान होता है । लाइव्ह क्लासरूम सेटिंग ट्रेनिंग में ढेर सारे प्रात्यक्षिक होते हैं, परिणामतः एन.एल.पी. समझना ज्यादा सरल, सटीक और ठोस होता है । शायद आपको पता ही होगा कि एन.एल.पी. में हम अपने अंतर्मन पर काम करते हैं, इसीलिए एन.एल.पी. समझने के लिए पढ़ने से ज्यादा उसे अनुभव करना महत्वपूर्ण होता है, जो लाइव्ह एन.एल.पी. ट्रेनिंग वर्कशॉप में आराम से होता है । साथ ही साथ एक कुशल एन.एल.पी. मास्टर ट्रेनर आपका एन.एल.पी. सीखने का घंटों का काम चंद मिनिटों में करा सकता है ।

अब चौथा सवाल, ‘क्या मैं एक या दोन दिन का शॉर्ट टर्म एन.एल.पी. कोर्स करते हुए एन.एल.पी. में महारत हासिल कर सकता हूँ?’

- यह लगभग असंभव है, क्योंकि एक या दो दिनों में एन.एल.पी. जैसे विस्तारीत विषय को समझना, उसकी ताक़त को अनुभव करना बहुत ही कठिन है । हाँ, एक, दो दिनों में आप एन.एल.पी. के कुछ प्रारंभिक स्किल्स जरूर सीख सकते हैं, पर एक, दो दिनों में एन.एल.पी. को विस्तार से समझना नामुमकिन हैं । कुछ एन.एल.पी. ट्रेनर एक या दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित करते हैं, पर यकिन मानिए इस प्रकार के कोर्सेस में सिर्फ वे एन.एल.पी. की ‘ए बी सी डी’ ही सिखाते हैं । आइ.बी.एच.एन.एल.पी. में एन.एल.पी. प्रॅक्टिशनर कोर्स छह दिन चलाता है, पर फिर भी मुझे लगता है कि आगे चलकर छह दिन के कम से कम ग्यारह दिन करने चाहिए । शुरू-शुरू में एन.एल.पी. प्रैक्टिशनर कोर्स लगभग इक्कीस दिनों का हुआ करता था, इसीलिए एन.एल.पी. ठीक से समझने के लिए कम से कम छह दिनों का कोर्स तो होना ही चाहिए ।

अब सबसे पहला और महत्वपूर्ण सवाल अंत में, ‘क्या एन.एल.पी. सीखने के लिए एन.एल.पी. सर्टिफिकेशन कोर्स करना जरूरी है?’

- मुझे लगता है कि सिर्फ जरूरी ही नहीं, बेहद जरूरी है । एन.एल.पी. सर्टिफिकेशन कोर्सेस साधारणतः पाँच से छह दिनों के होते हैं । इन पाँच से छह दिनों में हम एन.एल.पी. की गहराईयों में जाकर एन.एल.पी. टूल्स एवं टेक्निक्स का व्यक्तिगत जीवन में तथा पेशेवर तरीके से कैसे उपयोग करना यह सीखते हैं । इसमें अनेक प्रत्याक्षिक होते हैं, प्रक्टिकल्स् होते हैं, इंडिविजुअल एक्टिविटीज् होती हैं, ग्रुप एक्टिविटीज होती हैं, आउटबाउंड एक्सरसाइझेस भी होती हैं, साथ में थोड़ा होमवर्क भी होता है । इससे हम जो कुछ भी सीखते हैं, उसे समझने में न केवल आसानी होती है, बल्कि हँसते-खेलते जीवन रूपांतरण की प्रक्रिया भी घटित होती है और यह सिर्फ इनहाउस क्लासरूम सेटिंग एन.एल.पी. ट्रेनिंग कोर्स में ही संभव होता है ।

शायद आपको पता होगा कि मेटा मॉडल और मिल्टन मॉडल एन.एल.पी. की बुनियाद है और आइ.बी.एच.एन.एल.पी. में हम पूरे दो दिन लगातार इन मॉडल्स् को सीखते हैं और इस्तेमाल करने का अभ्यास भी करते हैं । विस्तार से इन दो मॉडल्स् को सीखने के लिए पूरे दो दिन देना सिर्फ एन.एल.पी. प्रैक्टिशनर सर्टिफिकेशन कोर्स में ही संभव होता है ।

एन.एल.पी. में हम पॅटर्नस् सीखते हैं । ये एन.एल.पी. पॅटर्नस् किसी भी चेंज वर्क में काफ़ी अहम भूमिका निभाते हैं । ये एन.एल.पी. पॅटर्नस् हमारे अंर्तजगत में बदलाहट लाते हैं, इसी लिए इन्हें थोड़ा विचारपूर्वक और सावधानी से इस्तेमाल करना होता है । ऐसे भी कुछ पॅटर्नस् हैं, जिनके लिए प्रतिभागियों को व्यक्तिगत सहायता की आवश्यकता होती है, जहाँ मंझे हुए एन.एल.पी. मास्टर ट्रेनर का व्यक्तिगत मार्गदर्शन बेहद जरूरी होता है और एन.एल.पी. मास्टर ट्रेनर की यह व्यक्तिगत मदद सिर्फ दीर्घकालीन एन.एल.पी. प्रैक्टिशनर सर्टिफिकेशन कोर्स के दौरान ही संभव होती है ।

साथ ही साथ अगर आप ट्रेनिंग फिल्ड से जुड़े हो, किसी कंपनी में मॅनेजर हो, एच.आर. हो, ट्रेनर हो, टीचर हो, कोचिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हो, या साइकोलॉजी के क्षेत्र से जुड़े हो, तो एन.एल.पी. सर्टिफिकेशन कोर्स आपके लिए सुनहरे भविष्य की बहुत सारी संभावनाओं को खोल देता है । आपके व्यावसायिक प्रगति के लिए भी एन.एल.पी. सर्टिफिकेशन कोर्स आपको मदद करता है, अतः मुझे लगता है कि एन.एल.पी. सीखने के लिए एन.एल.पी. प्रैक्टिशनर सर्टिफिकेशन कोर्स ही सबसे बेहतरीन विकल्प है ।

जरा सोचिए आप आपकी जिंदगी के महत्वपूर्ण छह दिन सिर्फ और सिर्फ एन.एल.पी. सीख रहे हैं, पूरी तरह से फोकस्ड् हैं, अलग-अलग एक्टिव्हीटीज में बढ़ चढकर हिस्सा ले रहे हैं, सीखते समय आप हंस रहे हैं, सोच रहे हैं, समझ रहे हैं, एन.एल.पी. स्किल्स को सही मायने में जीवन में उतार रहे हैं, स्वयं के भीतर एक बेहतरीन अनुभव को निर्मित होता पा रहे हैं, एन.एल.पी. की बारीकियाँ आपको सटीक तरीके से समझ में आ रही हैं, आप अलग-अलग एन.एल.पी. पॅटर्नस् का सहजता से इस्तेमाल करते हुए स्वयं के भीतर एन.एल.पी. की सही समझ निर्मित कर रहे हैं, मानों किसी ने आपके मस्तिष्क को आपके सामने खोल कर रख दिया हो, मस्तिष्क की जटिल विचार प्रक्रियाओं के मूल तक जाकर आप उन्हें परिवर्तित करने में सक्षम हो रहे हो, स्वयं के दिमाग को समझना आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव साबित हो रहा है, जिससे आपको स्वयं के जीवन पर नियंत्रण महसूस हो रहा है, एक आत्मविश्वास खड़ा हो रहा है, आपको अच्छा महसूस हो रहा है, इतना ही नहीं आप में यह आत्मविश्वास भी जग रहा है कि आप बेहतर तरीके से दूसरों की भी मदद कर पायेंगे, छह दिन आप सिर्फ एक विद्यार्थी बनकर जी रहे हैं, फिर से जिंदगी में कुतूहल निर्मित हो रहा है, कुछ नया सीखना आपको बेहतर बना रहा है और यह सिर्फ एन.एल.पी. सर्टिफिकेशन कोर्स में ही संभव होता है, इसीलिए 6 दिन का एन.एल.पी. सर्टिफिकेशन ही करना बेहद जरूरी है ।

 

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