क्या आपको सही में एक सुनहरे भविष्य का निर्माण करना है?
‘ऑपरेशन डाउनफॉल’ नाटो का एक स्पेशल मिलिटरी मिशन! जिसकी कामयाबी पूरी दुनिया के लिए बेहद जरूरी है और इस ऑपरेशन डाउनफॉल पर २०१४ में एक हॉलीवुड मूव्ही ‘एज ऑफ टुमारो’ रिलीज हुई थी । जिसकी काफी चर्चा हुई तथा फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी काफी हिट रही । फिल्म जब शुरू होती है, तब हमें अलग-अलग न्यूज चॅनल्स् के माध्यम से यह पता चलता है, कि दुनिया भर में तबाही फैल चुकी है । भीषण हमले हो रहे हैं । लोग अपने घरों को छोड़कर भाग रहे हैं । भगदड़ मची है । शहर तबाह हो रहे हैं । लोग मारे जा रहे हैं और इसका कारण है एलियंस । जिन्होंने पृथ्वी पर हमला किया है और इससे पूरी कायनात खतरे में है, वैसे ही जैसे बहुत सारी हॉलीवुड मुव्हीज में बार-बार दिखाया जाता है । इन एलियंस से लड़ने के लिए नाटो ने एक अलग कमांडोज् की फौज खड़ी की है, जिसे प्रारंभिक सफलता मिल रही है । कुछ जगहों पर एलियंस को हराया भी गया है और यहाँ पर एन्ट्री होती है मेजर केज की । जिसे मैदाने जंग का कोई भी अनुभव नहीं है । वह जंग से डरता है और उसे भी यह महसूस होता है, कि वह कहीं से भी एक सिपाही नहीं है । फिर भी उसे फ्रान्स लड़ने भेज दिया जाता है । जब वह नींद से जगता है, तब वह अपने आप को एक सैन्य बेस पर पाता है । जहाँ उसे लड़ाई पर जाने के लिए मजबूर किया जाता है । धीरे-धीरे उस पर उसका डर हावी होने लगता है । वह बहाने बनाता है, ताकि उसे लड़ने ना जाना पड़े । वह भागने की हर कोशिश करता है, पर कामयाबी नहीं मिलती । आखिरकार सिर्फ एक ही रास्ता बचता है, और वह है जंग लडना । इस प्रकार से वह मैदाने जंग में पहुँच जाता है । जहाँ पर मारकाट मची हुई है । एलिंयस की तरफ से जोरदार हमले हो रहे हैं, उसके आसपास के सैनिक मारे जा रहे हैं । खून की नदियाँ बह रही हैं । उसके इर्दगिर्द सिर्फ और सिर्फ मौत तांडव मचा है । आखिरकार जब कोई रास्ता नहीं बचता, तो वह लड़ने के लिए तैयार हो जाता है । तभी एक जोरदार हमला होता है । वह पूरी ताक़त के साथ उसका मुकाबला करने लगता है । पर अफसोस! कुछ ही पलो में वह उस मैदाने जंग में मारा जाता है ।
जैसे ही वह मारा जाता है, वह पुन: एकबार नींद से जगता है और अपने आप को फिर से फ्रान्स के उसी सैन्य बेस पर पाता है और सब घटनाएँ दुबारा से उसी क्रम से घटने लगती हैं । उसे फिर से लड़ने भेज दिया जाता है । वहीं घटता है, जो पहले घटा था और इसबार भी वह फिर से वह मारा जाता है । जैसे ही वह मारा जाता है, वह फिर नींद से जगता है और फिर से वहीं घटने लगता है, जो पहली दो बार घटा है । धीरे-धीरे उसे समझ में आने लगता है कि भविष्य में क्या होने वाला है और हर बार वह अपनी जिस गलती से मारा गया था, उसे अगली बार सुधार लेता है । हर बार मरने से पहले वह बेहतर होता जाता है और हर बार जागने के बाद स्वयं को बेहतर बनाने में जुट जाता है । इसमें एक प्रशिक्षक उसे बेहतर बनने में मदद करती है । हर बार जागने के बाद वह अपनी भूलें सुधार लेता है । हर बार जागने के बाद वह अपनी जो स्ट्रॅटेजिज् फेल हुई हैं, उनकी जगह पर नई स्ट्रॅटेजिज् बनाता है । हर बार जागने के बाद वह अपनी हार को जीत में परिवर्तित करने के लिए ताक़त झौंक देता है । इस से वह स्वयं को बदलता है और परिणामों को भी बदल पाता है ।
क्या आपको भी नहीं लगता कि हमारे अंदर भी केज की तरह हर दिन को दोबारा शुरू करने की शक्ति है । भविष्य को सही मायने में बदलने के लिए हमें अपना हर दिन बदलना पड़ेगा । हर रोज हमारी कमजोरियों को मरना होगा, तभी नए दिन की शुरूआत हो पाएगी । हमें प्रतिदिन स्वयं को तैय्यार करना पड़ेगा । हमें प्रतिदिन आगे बढ़ना पड़ेगा । हमें प्रतिदिन कम से कम एक कदम उठाना पड़ेगा । जरा सोचिए, केज यह लड़ाई क्यों जीत सका ? किस प्रकार से वह एक भगौड़े से एक बहादूर बना ? उसके जिंदगी में डर की जगह साहस ने कैसे ली ? दो चीजें थी...
क्या आप जानते हैं कि जिंदगी में सबसे बड़ी दिक्कत क्या है ? रोज की इस उठापटक में हम भूल जाते हैं, कि कुछ बड़ा किया जा सकता है । जिंदगी के रोजमर्रा के कामों में हम इतने उलझ जाते हैं कि हमें याद भी नहीं रहता, कि जिंदगी इन रोजमर्रा के कामों से बड़ी है । हम छोटी-छोटी चीजों में उलझ जाते हैं । हम छोटी-छोटी चीजों में माहीर हो जाते हैं और महत्वपूर्ण चीजों को भूलने लगते हैं । यह उलझाव इतना जटिल हो जाता है, कि हमें यह भी दिखाई नहीं पडता कि जिंदगी यांत्रिक हो चुकी है, सुबह से रात तक हम एक ही पॅटर्न में जीने लगते हैं । सालों से उस पॅटर्न में जीने के बाद हम लगभग सपने देखना बंद कर देते हैं, नयी सोच हमें अखरने लगती है, कुछ अलग करने की ताक़त हम खो देते हैं ।
क्या इस चक्रव्यूह को तोड़ा जा सकता है ? इस सवाल के जवाब में, मैं आपसे दो और सवाल पूछता हूँ .....
1. क्या आपको आपका भविष्य दिखता है? क्या आपके पास कोई सुनहरे भविष्य की कल्पना है ? क्या आपके पास ऐसा कोई सपना है, जो आपके जिंदगी से बड़ा हो ?
2. क्या आप हर दिन आपके उस सुनहरे भविष्य के निर्माण के लिए स्वयं को तैयार कर रहे हैं?
इन दोनों सवालों पर थोड़ा सोच विचार करना । सिर्फ पढ़कर छोड़ मत देना ।
इस सुनहरे भविष्य के निर्माण में एन.एल.पी. ट्रेनिंग में हम कुछ जादूई और ताक़तवर टूल्स् सीखते हैं । हमारे ‘सुनहरे भविष्य का निर्माण’ सबसे पहले होता कहाँ है ? ‘हमारे दिमाग में ।’ और एन.एल.पी. ट्रेनिंग की तो शुरूआत ही होती है, दिमागी प्रक्रियाओं को समझने से ।
- जिन लोंगो ने इस धरातल पर सुनहरे भविष्य का निर्माण किया, उन्होंने वह कैसे किया ?
- उनके दिमाग में क्या घटा था ?
- उन्होंने स्वयं को किस प्रकार से कंडिशन किया ?
- उन्होंने उस सुनहरे भविष्य निर्माण के लिए स्वयं को किस प्रकार से प्रोग्राम्ड किया?
- हर दिन उन्होंने किस प्रकार से एक्शन ली ?
- उनका हर कदम उसी दिशा में किस प्रकार से उठा ?
और सबसे महत्वपूर्ण सवाल, ‘‘क्या मैं भी यह करना सीख सकता हूँ ?” एन.एल.पी. इसके कुछ जादूई और ताक़तवर जवाब हमें देता है, जिससे हम अपने उस सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सके, जिसकी कभी हम ने कल्पना की थी ।
चलो फिर अगले ब्लॉग में मिलते हैं । तब तक के लिए ‘एन्जॉय युवर लाईफ एंड लिव्ह विथ पॅशन ।’